Thursday, 20 September 2018

लघुकथा:हिंदुस्तानी

लघुकथा:हिंदुस्तानी
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©®Pawan Kumar Srivastava/written on 19th Sept 2018.
'मॉम साड़ी,लहंगा इंडियन ड्रेस है न ?'
'हाँ बेटे'
सालों पहले हिंदुस्तान से आकर अमेरिका के फ्लोरिडा शहर में बस,रम गई निहारिका की वफ़ादार हिंदुस्तानी नौकरानी अन्नू ने रसोईघर में निहारिका के यहाँ आये मेहमानों के लिए शर्बत का ट्रे तैयार करते हुए अपने नन्हे बच्चे के पूछे सवाल का ज़वाब जब हाँ में दिया तो उस जिज्ञासु बच्चे ने अपने सवालों के तरकश से एक और तीर निकाल लिया -
'हाँ मॉम मैंने यह अपनी बुक में पढ़ा है।पर मॉम ये इंडियन औरतें साड़ी ,लहंगा क्यों पहनती हैं ?
'क्योंकि इंडियन औरतों के लिये लाज .....लाज बोले तो डिग्निटी जान से भी ज़्यादा प्यारी होती है।'
यह कहकर अन्नू मेहमानों को शर्बत परोसने जाने लगी ।नन्हे बेटे ने उसके जाते जाते एक और सवाल दागा-' मॉम निहारिका आंटी भी इंडियन हैं न? उन्होंने आज फंक्शन में लहंगा पहन रखा है।'
अन्नू को ज़ल्दबाज़ी थी और इसलिए उसने हाथ के इशारे से अपने बेटे को इंतज़ार करने कहा और अपनी मालकिन निहारिका के मेहमानखाने की ओर चली गयी ।मेहमानखाने में क़दम रखते हीं अन्नू के होश फ़ाख्ता हो गये, मेहमानखाने का नज़ारा हीं इतना हैरान कर देने वाला था।
उस कमरे में विदेशी और हिंदुस्तानी लोगों की मिली जुली मजलिस जमी हुई थी ।निहारिका समेत कई हिंदुस्तानियों ने हिंदुस्तान की पारम्परिक पोशाक पहन रखी थी।शराबनोशी का दौर चल रहा था। पार्श्व में उत्तेजक संगीत बज रहा था और उस उत्तेजक संगीत के सगुफ़न पर एक विदेशी ,जो निसंदेह वहाँ आयोजित फुल मोंटी शो का नायक था,कामसिक्त भंगिमाओं के साथ थिरक रहा था और अपने बदन से एक एक कर कपड़े उतारता जा रहा था।अन्नू ने उस असहज वातावरण में सौंपा काम ज़ल्द से ज़ल्द निपटाया और तेज़ क़दमों से रसोईघर लौट गई ।
अन्नू को देखते हीं उसके बेटे ने अपने अनुत्तरित प्रश्न की पुनरावृत्ति करते हुए पूछा-'मॉम बताओ न निहारिका आंटी भी इंडियन है न ?'
'बेटा वह इंडियन नहीं है,उसकी सिर्फ़ ड्रेस इंडियन है।'
अन्नू का नव-अन्वेषित उत्तर था।
-पवन कुमार ।

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